बहुत समय पहले की बात है, हिमगिरी पर्वतों के पार एक छोटा सा गाँव था, जिसका नाम 'सुमेरगढ़' था। यह गाँव हरे-भरे जंगलों और नदियों से घिरा हुआ था। गाँव के लोग बहुत मेहनती और शांतिप्रिय थे। वहीं गाँव में एक नन्हा लड़का रहता था, जिसका नाम आरव था। आरव बहुत ही चंचल और जिज्ञासु स्वभाव का था। वह हमेशा नए-नए रोमांच की तलाश में रहता था।
एक दिन, आरव गाँव के बाहर जंगल में घूमते हुए गहरी घाटी में जा पहुँचा। वहाँ उसने कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनीं। जब उसने झाड़ियों को हटाया, तो उसकी आँखें आश्चर्य से फैल गईं। सामने एक विशालकाय ड्रैगन घायल पड़ा था। उसका सुनहरा शरीर धूल में लथपथ था और एक पंख टूटा हुआ था।
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पहले तो आरव डर गया, लेकिन जब उसने ड्रैगन की आँखों में देखा, तो उसे उनमें दर्द और मदद की गुहार नजर आई। वह धीरे-धीरे उसके पास गया और सहमते हुए बोला, "तुम्हें चोट लगी है? मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ।"
ड्रैगन ने धीरे से सिर हिलाया और कराहते हुए कहा, "मैं बहुत दिनों से यहाँ घायल पड़ा हूँ। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?"
आरव ने हिम्मत जुटाई और गाँव से जड़ी-बूटियाँ और पट्टियाँ लाकर ड्रैगन की देखभाल करने लगा। कई दिनों तक उसने ड्रैगन के जख्मों पर मरहम लगाया और उसे भोजन लाकर दिया। धीरे-धीरे ड्रैगन ठीक होने लगा। उसने अपना नाम 'अग्निरथ' बताया।
आरव और अग्निरथ के बीच दोस्ती गहरी होती गई। अग्निरथ ने आरव को आसमान में उड़ने का सपना दिखाया और उसे बताया कि वह एक शक्तिशाली जादुई ड्रैगन है, जो वर्षों पहले एक शैतानी जादूगर के जाल में फँसकर घायल हो गया था।
एक दिन, गाँव में अफवाह फैली कि पड़ोसी राज्य के सैनिक सुमेरगढ़ पर हमला करने वाले हैं। गाँव के लोग डर गए और सरपंच ने रक्षा की योजना बनाई। लेकिन सैनिकों की ताकत के आगे गाँव वाले कमज़ोर थे। आरव यह सुनते ही भागकर अग्निरथ के पास गया और सारी बात बताई।
अग्निरथ ने मुस्कुराते हुए कहा, "डरो मत, मेरे दोस्त! मैं तुम्हारे गाँव की रक्षा करूँगा। अब मैं पूरी तरह ठीक हूँ।"
अगले दिन, जब दुश्मन के सैनिक गाँव पर हमला करने पहुँचे, तो आसमान में गड़गड़ाहट हुई। देखते ही देखते, एक विशाल सुनहरा ड्रैगन उड़ता हुआ गाँव के ऊपर आ गया। उसकी आँखों में अग्नि थी और पंखों में ताकत। अग्निरथ ने अपनी जादुई शक्ति से आग उगली और दुश्मनों को डराकर भगा दिया। गाँव के लोगों ने तालियाँ बजाईं और आरव व अग्निरथ की जय-जयकार करने लगे।
उस दिन के बाद, अग्निरथ गाँव का रक्षक बन गया और आरव उसका सबसे प्रिय मित्र। दोनों ने मिलकर कई रोमांचक सफर किए और सुमेरगढ़ की रक्षा की।
इस प्रकार, एक छोटे से लड़के और एक शक्तिशाली ड्रैगन की दोस्ती ने न केवल गाँव की रक्षा की, बल्कि यह भी साबित किया कि सच्ची मित्रता किसी भी बाधा को पार कर सकती है।